जीएसटी में घर बनाना हुआ महंगा कई चीजों पर बढ़ी टैक्स दरे

नई दिल्ली. जीएसटी में कई चीजों पर बढ़ी टैक्स दरों से आने वाले समय में घर बनाना महंगा हो जाएगा। घर बनाने में इस्तेमाल सामान पर 8.75% तक टैक्स बढ़ रहा है। प्लाईबोर्ड, पार्टिकल बोर्ड पर 19.25% की जगह जीएसटी में 28% यानी 8.75% ज्यादा टैक्स लगेगा। टाइल्स पर भी 28% टैक्स लगेगा, जो कि मौजूदा दरों से 8.25% ज्यादा बनता है। हालांकि घर सजाने के सामान पर 12.5% तक कम टैक्स लगेगा। एक्सपर्ट्स से जानें जीएसटी का आप पर असर...
(एक्सपर्ट पैनल: मुकुल शर्मा, टैक्स एक्सपर्ट। समीरन घोषाल, सीनियर पार्टनर, केपीएमजी। वी.एस. धाते, सीनियर कंसल्टेंट, टैक्समैन डॉट कॉम। एस. कृष्णन, सीए और टैक्स एक्सपर्ट । राजेश्वर दयाल, टैक्स एक्सपर्ट।)
> पेंट-वार्निश पर 2.5% ज्यादा टैक्स होगा, पर स्टील पाइप और सेरामिक्स सस्ते होंगे
पार्टिकल बोर्ड, प्लाई बोर्ड, फोटो फ्रेम
- मौजूदा टैक्स: इन अाइटम्स पर एक्साइज 12.5%, वैट 5% और एंट्री टैक्स 1% लगता है। यानी कुल 19.25% टैक्स है।
- जीएसटी में: 28% टैक्स लगेगा। यानी 8.75% ज्यादा होगा।
पेंट, वार्निश, पुट्‌टी
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14% और एंट्री टैक्स 2% है। यानी कुल मिलाकर 30.5% टैक्स लगता है।
- जीएसटी में: 28% टैक्स लगेगा। यानी टैक्स रेट 2.5% कम होगा।
टाइल्स और सेरामिक्स प्रोडक्ट
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज दोनों ही अाइटम्स पर 12.5% है। वैट की बात करें तो यह एंट्री टाइल्स पर 6% और सेरामिक्स पर 16% है। यानी टाइल्स पर 19.75% और सेरामिक्स पर 30.5% टैक्स है।
- जीएसटी में: 28% टैक्स लगेगा, यानी टाइल्स पर 8.25% बढ़ेगा, सेरामिक्स पर 2.5% घटेगा।
घर बनाने में इस्तेमाल होने वाले स्टील पाइप
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 5% और एंट्री टैक्स 1% यानी कुल 19.25% टैक्स है।
- जीएसटी में: 18% टैक्स लगेगा, यानी 1.25% कम होगा।
> घर सजाना सस्ता: किचन सामान पर 11.5%, लाइट फिटिंग पर 7.25% कम टैक्स
किचन के सामान
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14% और एंट्री टैक्स 2% यानी कुल 30.5% टैक्स है।
- जीएसटी में:18% टैक्स लगेगा, यानी 11.5% कम होगा।
नैपकिन, टिश्यू पेपर
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14% और एंट्री टैक्स 2% यानी कुल 30.5% टैक्स है।
- जीएसटी में: 18% टैक्स लगेगा, यानी 11.5% कम होगा।
वाल पेपर कवरिंग
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14% और एंट्री टैक्स 2% यानी कुल 30.5% टैक्स है।
जीएसटी में:28% टैक्स लगेगा, यानी 2.5% कम होगा।
एलईडी लाइट और फिक्सचर
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 5% और एंट्री टैक्स 1% यानी कुल 19.25% टैक्स है।
- जीएसटी में: 12% टैक्स लगेगा, यानी 7.25% घटेगा।
कॉयर मैट्रेस, कॉटन पिलो
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14% और एंट्री टैक्स 2% यानी कुल 30.5% टैक्स है।
- जीएसटी में: 18% टैक्स लगेगा, यानी टैक्स रेट 12.5% कम होगा।
लैंप, लाइटिंग की फिटिंग्स
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14% और एंट्री टैक्स 2% यानी कुल 30.5% टैक्स है।
- जीएसटी में: 28% टैक्स लगेगा, यानी टैक्स रेट 2.5% कम होगा।
> रोज इस्तेमाल की चीजें भी सस्ती होंगी; साबुन टूथपेस्ट पर टैक्स 11.5% तक कम होगा
हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14%, एंट्री टैक्स 2%, यानी कुल 30.5% टैक्स है।
- जीएसटी में:18% टैक्स लगेगा। यानी टैक्स रेट 11.5% कम होगा।
मेकअप के सामान, शैंपू, हेयर क्रीम
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14%, एंट्री टैक्स 2%, यानी कुल 30.5% टैक्स है।
- जीएसटी में: 28% टैक्स लगेगा। यानी टैक्स रेट 2.5% कम होगा।
लेदर से बने बैग और दूसरी चीजें
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14% और एंट्री टैक्स 2% यानी कुल 30.5% टैक्स है।
- जीएसटी में: 28% टैक्स लगेगा। यानी टैक्स रेट 2.5% कम होगा।
किचन के सामान, केन, पाइप, शीट
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 5% और 1% एंट्री टैक्स यानी कुल 19.25% टैक्स है।
- जीएसटी में:18% टैक्स लगेगा, यानी टैक्स 1.25% कम होगा।
फ्लोर कवरिंग, बाथरूम के सामान
- मौजूदा टैक्स: एक्साइज 12.5%, वैट 14% और एंट्री टैक्स 2% यानी कुल 30.5% टैक्स है।
- जीएसटी में: 28% टैक्स लगेगा। यानी टैक्स रेट 2.5% कम होगा।
मोबाइल फोन महंगे होंगे, ज्यादातर राज्यों में 5% तक अधिक टैक्स देना होगा
- मोबाइल फोन पर जीएसटी में 12% टैक्स रहेगा। इससे ज्यादातर राज्यों में मोबाइल हैंडसेट पर टैक्स 4-5% बढ़ जाएगा। 1% एक्साइज ड्यूटी के अलावा 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी मोबाइल फोन पर 5% या इससे भी ज्यादा वैट लगा रखा है।
ईकॉमर्स कंपनियां काटेंगी 1 फीसदी टीसीएस, ग्राहक पर फर्क नहीं
- जीएसटी लागू होने पर ईकॉमर्स कंपनियों को सप्लायर्स के पेमेंट से 1% टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एक सोर्स) काटना होगा। इसका ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों पर असर नहीं होगा। सप्लायसर्स को इनपुट क्रेडिट मिल जाएगा। रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढ़िया ने कहा कि इससे ईकॉमर्स इंडस्ट्री में ट्रांसपेरेंसी आएगी। हालांकि इंडस्ट्री का कहना है कि इससे सिस्टम में करीब 400 करोड़ रु. लॉक हो जाएंगे।
बैंकिंग-बीमा पर टैक्स में संशोधन का दबाव
-बैंकिंग, बीमा पर सर्विस टैक्स 15% से बढ़ाकर 18% करने का एक्सपर्ट्स ने विरोध किया है। वह 12% चाहते हैं। इंडस्ट्री सरकार पर संशोधन का दबाव बनाएगी।
पड़ोसी देशों में कम टैक्स से टूरिज्म को नुकसान
-इंडस्ट्री के अनुसार टैक्स बढ़ने से कारोबार चौपट हो जाएगा। टूरिस्ट्स को लुभाने में सबसे बड़ी बाधा टैक्स रेट है। म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर जैसे देशों में टैक्स 5-10% है।
एफएमसीजी इंडस्ट्री की बिक्री बढ़ेगी
-एफएमसीजी इंडस्ट्री खुश है। ज्यादातर प्रोडक्ट्स पर टैक्स रेट कम हुए हैं। इसलिए बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। इसका असर महंगाई दर पर भी होगा।
टैक्स घटने से ऑटो सेक्टर में मांग में होगा इजाफा
-इंडस्ट्री का कहना है कि कारों पर टैक्स घटने से मांग में तेजी आएगी और बाजार को मजबूती मिलेगी। हाइब्रिड वाहनों को लग्जरी कारों की श्रेणी में रखना पर्यावरण के खिलाफ है।
क्या है GST, कब से लागू होगा?
- GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्‍स है। आसान शब्‍दों में कहें तो जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है, जो भारत को एक जैसा बाजार बनाएगा। संसद इसका बिल पास कर चुकी है। 10 राज्य स्टेट जीएसटी पास कर चुके हैं। 1 जुलाई से GST देशभर में लागू होना है।
- 17 साल की कवायद के बाद GST इसलिए लाया गया कि अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है। जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे। GST को केंद्र और राज्‍यों के 17 से ज्‍यादा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स के बदले में लागू किया जा रहा है। 
- इससे एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या सेल्स और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।

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