ग्वालियर.चंबल के नाम से पहचाने जाने वाले अंचल के शहर और गांव चंबल नदी के किनारे बसे होने के बाद भी प्यासे हैं। जबकि राजस्थान के 11 बड़े शहरों सहित सैकड़ों गांव चंबल नदी से लगभग 827 मिलियन लीटर (82.70 करोड़ लीटर यानी राष्ट्रीय मानक 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से लगभग 61 लाख लोगों के लिए रोज का पानी) पानी ले रहे हैं।
नर्मदा के महत्व को एक बार फिर से जागृत करने में लगी मप्र सरकार चंबल से एक बूंद पानी भी प्रदेश के शहरों के लिए नहीं ले पाई है। ये स्थिति तब है जब चंबल 346 किमी मप्र के हिस्से में बहती है। इंदौर में महू क्षेत्र से भिंड के पास पचनदा तक आने वाली चंबल पर प्रदेश का एकमात्र बांध मंदसौर में गांधी सागर है, लेकिन यहां भी चंबल से पानी की सप्लाई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इस क्षेत्र में गरोठ तहसील तक जरूर पानी की लाइन पहुंच गई है।
फॉरेस्ट की एनओसी मिली पर मुरैना में आसान नहीं है राह
मुरैना के लिए अभी हाल ही में प्रोजेक्ट को केंद्रीय वन मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है, लेकिन 160 करोड़ की योजना काफी पुरानी होने की वजह से डीपीआर नए सिरे से बनाई जाएगी। भिंड कलेक्टर टी इलैया राजा ने चंबल से पानी लाने के लिए 150 करोड़ का प्रोजेक्ट राज्य शासन को भेजा था। केंद्र की एनओसी का हवाला देते हुए इसे राज्य सरकार ने ही खारिज कर दिया।
भोपाल-इंदौर में तो पहाड़ चढ़ाकर ला रहे नर्मदा का पानी
प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर में तमाम बाधाओं के बाद नर्मदा का पानी पहुंच गया है। भोपाल में 306 करोड़ की लागत से तैयार परियोजना के जरिये 75 किमी दूर सीहोर जिले के शाहगंज हीरानी से नर्मदा का पानी लिफ्ट कर सप्लाई किया जा रहा है। दूसरी ओर इंदौर में 1000 करोड़ रुपए खर्च कर तीन चरणों में 180 एमएलडी नर्मदा का पानी पहुंचाने का काम किया गया। इसके अलावा महू, राऊ और आसपास की तहसीलों में भी 50 एमएलडी पानी की सप्लाई हो रही है।
हम विचार कर रहे हैं, पांच साल में 5 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए राजस्थान ने
वर्ष 2010 में मुरैना-ग्वालियर का प्रस्ताव बनाकर हम उस पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाए। उधर राजस्थान ने इस बीच में भीलवाड़ा और कोटा की दूसरी परियोजना पूरी कर ली। बूंदी में दो माह के अंदर पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। करौली, सवाई माधौपुर और गंगापुर परियोजना मार्च 2018 तक पूरी हो जाएंगी। बोराबासा-मंडाना परियोजना पर काम चल रहा है।
नगर विकास मंत्री माया सिंह से सीधी बात…
मुरैना के लिए प्रोजेक्ट शुरू, ग्वालियर में 2050 तक पर्याप्त पानी
चंबल नदी से राजस्थान 827 एमएलडी पानी लेने की तैयारी में है, लेकिन हमारी सरकार योजनाएं तक नहीं बना पाई?
-मुरैना की योजना मंजूर हो गई है, इस पर काम भी शुरू हो गया है।
मुरैना तक पानी लाने की राशि केंद्र सरकार ने मंजूर कर दी थीं। वर्ल्ड बैंक से लोन लेने के निर्णय के बाद नए सिरे से डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए हैं?
-नहीं-नहीं ऐसा नहीं है। मुरैना में चंबल से पानी लाने वाली योजना का काफी कुछ काम हो गया है। रही बात ग्वालियर की तो यहां हमारे पास वर्ष 2050 तक के लिए पर्याप्त पानी है।
राजस्थान के कई जिलों में चंबल का पानी जा रहा है या इंदौर और भोपाल में नर्मदा से पानी लिफ्ट कर लाया गया है, लेकिन वहां के बिलों में बढ़ोतरी नहीं हुई? ऐसा ग्वालियर के लिए ही क्यों?
यह सवाल सुनकर फोन कट गया। दोबारा बात करने का प्रयास किया तो व्यस्तता की बात कही।
भोपाल। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि सिल्क टूरिज्म के विकास से रेशम का व्यापक प्रचार प्रसार होगा और लोग रेशम का उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे। रेशम को बढ़ावा देकर आम लोगों में रेशम के वस्त्रों के प्रति रुझान बढ़ाया जाएगा। पर्यटन स्थलों पर आने वाले टूरिस्ट को भी रेशम वस्त्र की जानकारी दी जाएगी। उन्हें रेशम के वस्त्र खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन का "विशेष उपहार" दिए जाने पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश की जनता की ओर से उनके प्रति हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हुए उनका अभिनंदन किया है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किया जा रहे प्रयासों को मजबूती मिलेगी और महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त होंगी।
भोपाल। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) में 6 हजार 36 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्य आने वाले समय में किए जाएंगे। इससे विद्युत वितरण व्यवस्था की तस्वीर बदल जाएगी। जहॉं एक ओर उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति मिलेगी वहीं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी। ब्रेकडाउन कम होंगे और प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को सीधे फायदा मिलेगा।
भोपाल। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी का वर्ष 2023-24 का बजट मंगलवार को संचालक मंडल की बैठक में प्रस्तुत किया गया। आगामी वित्तीय वर्ष के कुल 18 हजार 551 करोड़ रूपये के बजट की मंजूरी दी गई है।
भोपाल। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर ‘नानो’ कावरे ने कहा है कि संत रविदास जयंती 5 फरवरी से शुरू होने वाली विकास यात्रा का उद्देश्य जन-कल्याण, स्वराज के लक्ष्य को प्राप्त करना है। साथ ही विकास यात्रा के माध्यम से सरकारी योजना से छूटे हितग्राहियों को लाभान्वित करना भी है। उन्होंने अधिकारियों से अपने विभाग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी अपडेट करने के लिये भी कहा। राज्य मंत्री एवं उमरिया जिले के प्रभारी मंत्री कावरे आज जिला अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के ग्राम जैत में नर्मदा नदी के किनारे 4 करोड़ 88 लाख रूपये की लागत से बन रहे नर्मदा घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने घाट पर चल रहे निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इन्दौर में 29 अक्टूबर को होने जा रहे प्रदेश के 73 सीएम राइज स्कूलों के भूमि-पूजन कार्यक्रम का आयोजन बेहतर रूप में हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर आयोजन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी सहित अधिकारी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश की सभी पंचायतों में यह कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय पर कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
भोपाल। दमोह जिले के दमोह देहात थाना के ग्राम देवरान में मंगलवार की सुबह गोली चलने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु होने की खबर मिलते ही जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई कर मुख्य आरोपी जगदीश पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की बारीकी से जाँच की जा रही है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
भोपाल। आयुर्वेद हमारे देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है वर्तमान समय में इसे और लोकप्रिय बनाने की जरूरत है। आयुर्वेद ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें मानव शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। आयुर्वेद में उपयोग होने वाली दवाएँ हमारे आस-पास ही मौजूद होती हैं। आयुर्वेद और योग को अपना कर हम अपने जीवन को स्वस्थ एवं सुखी बना सकते हैं।