नई दिल्ली: महाराष्ट्र में राजनीतिक बवाल और उठापट के बाद शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बन गई है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मुख्यमंत्री पद का कामकाज भी संभाल लिया है. ऐसे में अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जी न्यूज से बातचीत में कहा कि शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार सिद्धांतों के खिलाफ है ऐसे में यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी. इसके अलावा गडकरी ने झारखंड चुनाव से लेकर देश की जीडीपी के बारे में अपनी राय साझा की. पढ़ें बातचीत के मुख्य अंश...
सवाल- 2018 में देश के 75 फीसदी भूभाग पर भाजपा का भगवा झंडा रहा था लेकिन आज एक साल में ही मात्र 40 फीसदी पर रह गया है. ऐसे में क्या झारखंड बड़ी चुनौती होगी?
जवाब: हर चुनाव हमारे लिए चुनौती होता है. हर चुनाव पार्टी के लिए आवश्यक होता है. यह भी निश्चित है कि जीते हैं हारते हैं. अप्स एंड डाउन पार्टी में होती रहती है. कोई चीज परमानेंट नहीं है. इसी पेस से काम होते रहना चाहिए. मुझे विश्वास है कि झारखंड में इस बार फिर से सरकार बनाएंगे.
सवाल- इसी तरह के दावे महाराष्ट्र में किए गए थे. आपने भी किया था. जहां लग रहा था कि कोई नहीं है टक्कर में.. आज आप कहीं नहीं है?
जवाब: महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी की तो बहुमत आई है. लोगों ने कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ मतदान किया. शिवसेना ने वास्तविकता में जिन को नकारा उसके साथ गठबंधन करके एक महाराष्ट्र की जनता के साथ विश्वासघात किया है. यह सिद्धांतहीन गठजोड़ है, इसका कोई आधार ही नहीं है. इसलिए शिवसेना का सपोर्टर भी नाराज है और कांग्रेस और एनसीपी का भी. शिवसेना के हिंदुत्व का तालमेल एनसीपी-कांग्रेस से नहीं और कांग्रेस और एनसीपी के विचारों का तालमेल शिवसेना से नहीं है.
सवाल- यानी आप कह रहे हैं कि यह सरकार 5 साल नहीं चलेगी जबकि तीनों दावा कर रहे हैं कि पूरे 5 साल चलेगी?
जवाब- ये नैसर्गिक गठजोड़ नहीं है. यह विचारधारा और सिद्धांतों के आधार पर नहीं है. यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी. 5 साल नहीं चलेगी.
सवाल- क्या अगर बीजेपी और NCP की सरकार बनती तो पांच साल चलती? कहां चूक हुई की सरकार बनी और गिर भी गई?
जवाब- मुझे लगता है कि अगर-मगर की चर्चा राजनीति में कोई मतलब नहीं रखती है. एनसीपी और बीजेपी के गठबंधन की कोई ऑफिशियल बातचीत या चर्चा नहीं हुई.
सवाल- अजित पवार के साथ आपने सरकार बना ली?
जवाब: अब उस समय अजीत पवार के साथ एनसीपी में कुछ लोग एनसीपी को छोड़ना चाहते थे. उस समय उनकी संख्या बड़ी थी. बाद में वह नहीं हो पाया. राजनीति में यह सब चलता रहता है.
सवाल- लेकिन कहा जाता है कि अगर नितिन गडकरी चाहते तो पवार साहब भी मान जाते और बीजेपी एनसीपी की सरकार भी चलती.
जवाब- ऐसी कोई बात नहीं है सब ने कोशिश की. आखिरकार हर पार्टी और उसके नेता अपने-अपने पार्टी के और अपने-अपने विचारों के हितों का ख्याल रखते हैं.
सवाल- 34 साल पुरानी साथी शिवसेना चली जाती है इसका असर अन्य दलों पर पड़ेगा?
जवाब: शिवसेना को मुख्यमंत्री पद चाहिए था और हमारे पार्टी के ने स्पष्ट कर दिया था कि कभी उनको मुख्यमंत्री पद का आश्वासन नहीं दिया गया. बाकी बातों में कम ज्यादा हो सकता था. बाला साहब ठाकरे के समय से यह फॉर्मूला चला आ रहा है कि जिस पार्टी के ज्यादा विधायक चुनकर आएंगे उसी का सीएम होगा. हमारा 105 है, उनका 55 है. उद्धव कहते हैं उनका मुख्ययमंत्री हो, ऐसा कैसे हो पायेगा? राजनीती में कुछ बातें होती हैं जो तय होती हैं. सब ऐसा कहने लगे तो राज चलाना मुश्किल हो जायेगा.
सवाल- हरियाणा में किसी तरह सरकार बनी और महाराष्ट्र में सत्ता से बाहर हुए ऐसे में क्या झारखंड में बीजेपी का बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है?
जवाब: हर राज्य का चुनाव हमारे लिए हमेशा से महत्वपूर्ण होता है इसलिए इस चुनाव में सभी लोग आ रहे हैं और मेरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रघुवर दास ने जो काम किया है अच्छा बिहार से अलग होने के बाद झारखंड पिछले 5 साल में जितना अच्छा काम हुआ है उसकी जितनी तारीफ की जाए निश्चित रूप से परिणाम स्वरूप भारतीय जनता पार्टी को अच्छी सफलता मिलेगी और रघुवर दास के नेतृत्व में हमारी सरकार फिर से चुनकर आएगी ऐसा मेरा पूरा विश्वास है.
सवाल- 370, राम मंदिर के वावजूद विधानसभा के नतीजे आपके अनुकूल नहीं आए?
जवाब: राष्ट्रीय मुद्दे होते हैं जो राष्ट्रीय हित के होते हैं. जैसे 370 का हटना. राम मंदिर का न्यायालय से निर्णय देना. इन मुद्दों को राष्ट्रीय पार्टियां पोलिटिक्स न करें. राष्ट्र हित के मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए. विधानसभा चुनाव, विधानसभा के अनुसार होते हैं.
सवाल- राम मंदिर पर फैसला हुआ लेकिन उसको लेकर अभी भी विवाद चल रहा है?
जवाब: राम मंदिर इस देश के इतिहास की विरासत है और राम मंदिर बनाना किसी पार्टी का एजेंडा नहीं बल्कि करोड़ों देशवासियों का भाव है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद यह साफ हो गया है कि अब इसका राजनीतिकरण न करते हुए सबको मिलकर सौहार्द के साथ एक भव्य राम मंदिर का निर्माण करें.
सवाल- विचारधारा के एजेंडे में अब समान नागरिक संहिता रह गया है. क्या इस सत्र में या जल्द इसके लिए कानून बनाएंगे?
जवाब: कॉमन सिविल कोड पर अभी तय नहीं हुआ है. आगे प्रधानमंत्री जी और पार्टी अध्यक्ष इस पर फैसला लेंगे.
सवाल- चिदंबरम को बेल मिल गई है? कहा गया था कि राजनितिक कारणों से उनको जेल भेजा गया?
जवाब: चिदंबरम को जेल हुई थी, अब बेल हो गई है. उन्हें ऐसा कहने का कोई अधिकार नहीं है. जब वह गृहमंत्री थे तब जिस प्रकार से उन्होंने काम किया था बस उसे एक बार याद कर लें. उन्हें जेल में रखने का फैसला कोर्ट का था.
सवाल- आर्थिक हालात बेहतर नहीं. GDP 4.5 तक पहुंच गया. राष्ट्रवाद तो ठीक है लेकिन रोजगार भी तो जरूरी है?
जवाब: ग्लोबल इकोनामिक कारण, डिमांड और सप्लाई कारण और बिजनेस साइकिल कारणों से अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव होते रहते हैं. हमारी इकोनॉमी वर्ल्ड की सबसे फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनामी है. 2030 तक तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने का हमारा मिशन है. 2030 से पहले तीसरे नंबर के बनेंगे.
सवाल- गांधी परिवार से SPG सुरक्षा हटा ली गई ये क्या इसके पीछे राजनितिक कारण हैं?
जवाब: मुझे लगता है कि इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. हर चीज को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए.
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की बेटियों को शिक्षा में सहयोग के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सामाजिक नेतृत्व के लिए सक्षम बनाया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का क्रियान्वयन इसी उद्देश्य से ही प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रविन्द्र भवन भोपाल में योजना के अंतर्गत 1477 लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 1 करोड़ 85 लाख रूपये की राशि अंतरित कर संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करें। यह हमारा कर्त्तव्य और धर्म है कि योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति कोमिले, लोगों की कठिनाईयाँ दूर हों और उनका जीवन सुगम हों। शासन-प्रशासन के माध्यम से हमें जन-सेवा का मौका मिला है। हम ईमानदारी के साथ मिशन मोड में अपने कर्त्तव्यों को निभाएँ। इससे प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।
भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार शिक्षकों की कमी है। ऐसे में स्कूलों में 40 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी चल रही है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में और सीएम राइज स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
विदिशा। जिले में सोमवार रात को वर्षा थमने के बावजूद बेतवा का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण बेतवा किनारे बसी बस्तियों और गांवों में पानी घुस गया है। शहर के एक दर्जन से अधिक इलाकों में तीन से चार फीट पानी होने के कारण नाव से लोगों को निकालना पड़ रहा है।
भोपाल। यातायात को सुगम बनाने और औद्योगिक विकास के लिए मध्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास के काम तेजी के साथ किए जा रहे हैं। भोपाल, इंदौर सहित 15 स्थानों पर रोप-वे बनाए जाएंगे। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग लाजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी और लोक निर्माण विभाग के बीच अनुबंध हो चुका है।
भोपाल। पार्टी मुझे दरी बिछाने को कहेगी, तो शिवराज सिंह चौहान दरी बिछाने को भी राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का काम मानकर करेगा। दिल्ली जाओगे कि वहां जाओगे। मुझे कहीं नहीं जाना। पार्टी कहेगी कि जैत में रहो, तो जैत में रहूंगा। पार्टी कहेगी भोपाल में रहो, तो भोपाल में रहूंगा। मुझे कोई अहं नहीं।
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में भी बुलंदशहर में दो साधुओं की नृशंस हत्या पर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस ने बुलंदशहर में डबल मर्डर (दो साधुओं की हत्या) के मामले में प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
Rajya Sabha Election 2020: गुजरात के राज्यसभा चुनाव में खींचतान के बीच भाजपा के लिए एक राहत की खबर यह है कि भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) ने चुनाव में समर्थन करने के संकेत दिए हैं। पार्टी के विधायक महेश वसावा ने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात के बाद कहा कि 24 मार्च को कार्यकारणी की बैठक में समर्थन पर अंतिम फैसला होगा।
राज्यसभा चुनाव का प्रक्रिया जारी है और इस बीच बुधवार को 37 लोगों को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिया गया। इनमें NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल हैं। बुधवार को नामांकन वापस लेने की समयसीमा बीत जाने के बाद इन प्रत्याशियों को निर्वाचित घोषित किया गया। मालूम हो की राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 17 राज्यों में नामांकन भरे गए थे जिनमें से 37 का निर्विरोध चुनाव हो चुका है वहीं अब 26 मार्च को बची हुई 18 सीटों के लिए मतदान करावाया जाएगा। जिन सीटों के लिए मतदान होगा उनमें गुजरात और आंध्र प्रदेश में चार-चार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तीन-तीन, झारखंड में दो और मणिपुर एवं मेघालय में एक-एक सीट शामिल है।
Three years of Yogi Sarkar : उत्तर प्रदेश में भारतीय जानता पार्टी (BJP) की योगी सरकार ने 18 मार्च को अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लिये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बताया। लखनऊ में बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चुनौतियों और संभावनाओं के महासमर में संकल्पों और सिद्धांतों की नाव से यात्रा करते हुए आज उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं।