जालंधर: बहुजन समाज पार्टी को भले ही पिछले लोकसभा चुनाव में कोई सीट नहीं मिली हो लेकिन देश के 10 राज्यों में उसका वोट बैंक नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। खासतौर पर इस वर्ष जिन प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं उनमें से 3 बड़े राज्यों में बसपा का वोट कांग्रेस के वोट से जुड़ जाए तो चुनावों के नतीजे पलट सकते हैं। पूर्व में हुए चुनावों के आंकड़े भी इस बात के गवाह हैं। लोकसभा चुनाव में बसपा भले अन्य राज्यों में नतीजे प्रभावित न करे लेकिन विधानसभा चुनाव में वह कई सीटों पर नतीजे पलटने की क्षमता रखती है। यदि विधानसभा चुनाव में यह गठबंधन आशा के अनुरूप नतीजे लाने में सफल रहा तो 2019 राष्ट्रीय स्तर पर भी महागठबंधन भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
छत्तीसगढ़ में 3 बार बिगाड़ा कांग्रेस का खेल
छत्तीसगढ़ में बसपा के अकेले चुनाव लड़ने के कारण ही भाजपा को 3 बार वहां सरकार बनाने का मौका मिला है। राज्य के गठन के बाद यहां 3 बार चुनाव हुए हैं और तीनों बार भाजपा यहां मात्र 4 फीसदी वोट के अंतर से जीती है और तीनों बार यहां बसपा को 6 फीसदी के करीब वोट हासिल हुए हैं। पिछले चुनाव में भाजपा को यहां 41.04 फीसदी वोटों के साथ 49 सीटें हासिल हुईं जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 40.29 प्रतिशत था लेकिन वोट शेयर में एक फीसदी से कम का अंतर होने के बावजूद सीटों की संख्या 39 रह गई जबकि बसपा ने 4.27 फीसदी वोट हासिल कर सीट तो महज एक हासिल की लेकिन कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया।
इसी प्रकार 2008 में भाजपा को छत्तीसगढ़ में 40.33 फीसदी वोटों के साथ 50 सीटें हासिल हुईं और कांग्रेस का वोट शेयर 38.63 फीसदी था। इस चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर तो महज डेढ़ फीसदी कम था लेकिन उसकी 12 सीटें कम हो गईं जबकि इस चुनाव में भी बसपा ने 6.11 फीसदी वोट हासिल करके 2 सीटें हासिल कीं लेकिन वोटों का विभाजन करके भाजपा की जीत सुनिश्चित की। इसी प्रकार 2003 के चुनाव में भी भाजपा ने 39.26 फीसदी वोटों के साथ 50 सीटों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस 36.71 वोटों के साथ महज अढ़ाई फीसदी के अंतर के बावजूद 37 सीटें ही जीत पाई। इस चुनाव में बसपा को 4.45 फीसदी वोटों के साथ 2 सीटें हासिल हुईं।
राजस्थान 2 चुनावों में गणित बिगाड़ चुकी है बसपा
छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी बसपा का अच्छा आधार रहा है। 2008 के चुनाव में बसपा को राजस्थान में 6 सीटें हासिल हुई थीं जबकि 1993 और 2003 के चुनाव में बसपा के वोट विभाजित करने के कारण भाजपा चुनाव जीत गई थी। 1993 में राजस्थान में भाजपा को 38.60 फीसदी वोटों के साथ 95 सीटें हासिल हुई थीं जबकि कांग्रेस को भी 38.27 फीसदी वोट हासिल हुए और उसका वोट शेयर भाजपा के मुकाबले महज 0.33 फीसदी कम था लेकिन उसकी सीटें महज 76 रह गईं। इस चुनाव में बसपा को 0.56 फीसदी वोट हासिल हुए थे। ये वोट कांग्रेस के साथ मिलते तो नतीजा कुछ और भी हो सकता था। इसी प्रकार 2003 के चुनाव में भी बसपा द्वारा हासिल किए गए 3.97 फीसदी वोटों ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया था। भाजपा को इस चुनाव में 39.20 फीसदी वोट शेयर के साथ 120 सीटें हासिल हुई थीं जबकि कांग्रेस को 35.65 फीसदी वोट तो हासिल हुएलेकिन उसे 56 सीटों पर संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में बसपा को 3.97 फीसदी वोटों के साथ 2 सीटें हासिल हुईं। यदि इन दोनों चुनावों के लिए कांग्रेस और बसपा का गठबंधन होता तो नतीजे अलग हो सकते थे।
राजस्थान में अन्य के वोट अहम
राजस्थान में 2 प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और भाजपा को हर चुनाव में करीब 75 से 80 फीसदी वोट हासिल होते हैं और 20 से 25 फीसदी वोटों पर अन्य छोटी पार्टियों का कब्ज़ा होता है। यदि ये वोट एकजुट हो जाते हैं तो नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। कांग्रेस-बसपा के अलावा अन्य छोटी पार्टियों के साथ राजस्थान में तालमेल करे तो राज्य में विधानसभा चुनाव की तस्वीर बदल सकती है। पिछले चुनाव में यहां एन.पी.ई.पी. को 4.25 फीसदी वोट हासिल हुए थे जबकि आजाद उम्मीदवार को 8.21 फीसदी और बसपा को 3.37 फीसदी वोट हासिल हुए थे। ये वोट कुल मिलाकर 16 फीसदी बनते हैं और राजस्थान में हार-जीत का अंतर 5 फीसदी रहता है। हालांकि पिछले चुनाव में इस मामले में अपवाद था।
मध्य प्रदेश में बसपा ने 2 बार कांग्रेस का खेल बिगाड़ा, 2 बार भाजपा का
छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तरह मध्य प्रदेश में भी बहुजन समाज पार्टी का अच्छा-खासा आधार है। पार्टी को यहां 6 से 9 फीसदी वोट हासिल होते रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने 2008 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में 8.97 फीसदी वोटों के साथ 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में कांग्रेस महज 5 फीसदी वोट के अंतर से हार गई थी, यानि बसपा को मिले वोट कांग्रेस की हार के अंतर से भी 4 फीसदी ज्यादा थे। यदि कांग्रेस और बसपा का वोट विभाजित न होता तो चुनाव में बाजी पलट सकती थी। इस चुनाव में भाजपा को 37.64 फीसदी वोटों के साथ 143 और कांग्रेस को 32.39 फीसदी वोटों के साथ 71 सीटें हासिल हुई थीं। इसी प्रकार पिछले चुनाव दौरान कांग्रेस और भाजपा के चुनाव में 8.50 फीसदी वोटों का अंतर था जबकि बसपा को इस चुनाव में 6.29 फीसदी वोट हासिल हुए थे, यानी दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ती तो स्थिति कुछ और होती। इस चुनाव में भाजपा को 44.88 फीसदी वोटों के साथ 165 और कांग्रेस को 36.38 फीसदी वोटों के साथ 58 सीटें हासिल हुईं जबकि बसपा 6.29 फीसदी वोटों के साथ 4 सीटों पर कामयाब रही। इससे पहले संयुक्त मध्य प्रदेश में हुए चुनाव में 1993 और 1998 के चुनाव में बसपा ने 2 बार 7 फीसदी वोट हासिल करके कांग्रेस को जीत दिलाने में भी अहम भूमिका अदा की थी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को देवास के सोनकच्छ के ग्राम पीपलरांवा से एक करोड़ 27 लाख लाड़ली बहनों के खाते में 1553 करोड़ रूपए, 56 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों के खाते में 337 करोड़ रूपए और 81 लाख किसानों के खाते में 1624 करोड़ रूपये सिंगल क्लिक से अंतरित किये। उन्होंने कार्यक्रम में 144.84 करोड़ रूपये लागत के 53 कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण भी किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा है और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 इस बदलाव का सबसे बड़ा प्रमाण बनेगी। पहली बार राजधानी भोपाल में हो रहे इस आयोजन को लेकर यह न सिर्फ एक निवेश सम्मेलन है, अपितु भोपाल को औद्योगिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजधानी के पास पहले से ही औद्योगिक विकास के लिए मजबूत आधार मौजूद है। जीआईएस-2025 से भोपाल का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
नई दिल्ली। चंद्रयान-3 ने बुधवार को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत (India) ने इतिहास रच दिया है। चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान उतारने वाला भारत पूरी दुनिया में पहला देश बन गया है। अब तक किसी भी देश ने ऐसा नहीं किया था।
भोपाल। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इंदौर जिले के जानापाव में भगवान श्री परशुरामजी जन्म-स्थली में दर्शन और पूजन-अर्चन किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, इंदौर जिले के प्रभारी तथा प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद वी.डी. शर्मा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, धार सांसद छतर सिंह दरबार ने भी दर्शन और पूजन-अर्चन किया।
भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आयुष्मान कार्ड हर भारतीय के लिये अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी है। इस कार्ड में गरीबों के नि:शुल्क 5 लाख रूपये तक के इलाज की गारंटी है। हिन्दुस्तान में आपका कहीं भी स्वास्थ्य खराब हो, अस्पताल में जाकर यह कार्ड दिखा देना आपको 5 लाख रूपये तक का नि:शुल्क इलाज मिल जायेगा। गरीब की सबसे बड़ी चिंता बीमारी होती है और यह कार्ड आपके इलाज की गारंटी है।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शहडोल जिले के ग्राम पकरिया पहुँचे। प्रधानमंत्री ने ग्राम पकरिया में जनजातीय मुखियाओं, पेसा समितियों के सदस्यों, स्व-सहायता समूहों की लखपति दीदियों और फुटबॉल खिलाड़ियों से संवाद किया।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से 5 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने इनमें से तीन वंदे भारत ट्रेन को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन में यात्रा कर रहे बच्चों के साथ संवाद भी किया। बच्चों ने अपने प्रिय प्रधानमंत्री से खुलकर बातचीत की।
भोपाल। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि किसान अन्नदाता ही नहीं, भारत का भाग्य विधाता भी है। किसान के बेटों ने सीमाओं की रक्षा की है। भारत को ताकतवर बनाने के लिए किसानों को ताकतवर बनाना होगा। चाहे स्वतंत्रता की लड़ाई हो, वर्ष 1857 का संग्राम हो, चम्पारण का सत्याग्रह हो या गुजरात के बारडोली का आंदोलन, किसानों ने अंग्रेजों की चूल्हें हिला दी थीं। आज मध्यप्रदेश में इस किसान-कल्याण महाकुंभ में किसानों की बड़ी संख्या में उपस्थिति हर्षित करने वाली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में विकास और किसान, गरीब, बेटियों आदि सभी के लिये करिश्माई कार्य कर रहे हैं। वे जनता के लिये तहे दिल से कार्य कर रहे हैं। जनता उन्हें कितना अधिक प्यार करती है, यह आज मैं देख रहा हूँ।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ लेकर बहनें मजबूत होंगी, वे अब मजबूर नहीं रहेंगी। योजना में प्रति माह 1000 रूपये की राशि देने के प्रावधान में संशोधन कर बहनों को क्रमश: बढ़ी हुई राशि का भुगतान किया जाएगा। आवश्यक वित्त व्यवस्था के फलस्वरूप योजना में 1000 रूपये के स्थान पर क्रमश: 1250 रुपए, इसके बाद 1500 रूपए, फिर 1750 रूपए, फिर 2 हजार रूपए और इसके बाद 2250 रुपए, 2500 रूपए और 2750 रूपए करते हुए राशि को 3 हजार रूपए तक बढ़ाया जाएगा।
इसी तरह योजना के लिए विवाहित पात्र बहन की आयु न्यूनतम 23 वर्ष के स्थान पर 21 वर्ष की जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित सम्मेलन केंद्र में 'विकसित भारत @ 2047: टीम इंडिया की भूमिका' पर नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक की अध्यक्षता की। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, पदेन सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष और अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।