एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड यानी ईपीएफ़ के ज़रिए कर्मचारी प्रोविडेंट फंड के तहत भविष्य के लिए धन सुरक्षित रखते हैं.
हाल ही में इससे जुड़े नियमों कुछ बदलाव हुए हैं.आख़िऱ ईपीएफ है क्या और क्या हैं इसके नियम हैं और इन नियमों का आपके लिए क्या है मतलब. धंधा-पानी में आज चर्चा इन्हीं सवालों की.
कुछ साल पहले ईपीएफओ ने नियम बनाया था कि आंशिक निकासी बच्चे की शादी, उच्च शिक्षा और मकान खरीदने के लिए की जा सकती है. अब ईपीएफओ के नए नियम के मुताबिक, नौकरी छोड़ने के एक महीने बाद ही मेंबर्स 75 फीसदी धन की निकासी कर सकते हैं और 2 महीने बाद बचा हुआ 25 फीसदी हिस्सा भी निकाल सकते हैं. इससे पहले, नौकरी छोड़ने या बेरोजगार होने की स्थिति में दो महीने के बाद ही पीएफ़ की रकम निकाली जा सकती थी.
आख़िऱ ईपीएफ है क्या और क्या हैं इसके नियम हैं और इन नियमों का आपके लिए क्या है मतलब. धंधा-पानी में आज चर्चा इन्हीं सवालों की.
ईपीएफओ क्या है?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफ़ओ की स्थापना 15 नवम्बर 1951 में हुई थी. कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में उन सभी कार्यालयों और कंपनियों को रजिस्टर करना पड़ता है जहाँ पर 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं.
कैसे जमा होता है पैसा
जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी में काम करना शुरू करता है तो उसकी बेसिक सैलरी का 12% उसकी सैलरी से काटा जाता है और इतना ही योगदान कंपनी की तरफ से दिया जाता है. व्यक्ति की सैलरी का 12% कर्मचारी ईपीएफ में जमा हो जाता है जबकि कंपनी द्वारा किया गये योगदान का केवल 3.67% ही इसमें जमा होता है बकाया का 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना यानी ईपीएस में जमा हो जाता है.
क्या 12% से अधिक रकम भी कटा सकते हैं?
कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी के 12% से भी अधिक रकम कटवा सकता है. इसे वॉलियंटरी प्रोविडेंट फंड कहते हैं. इस पर भी टैक्स छूट मिलती है, लेकिन एंप्लॉयर यानी नियोक्ता सिर्फ़ बेसिक सैलरी का 12% कंट्रीब्यूशन ही देता है.
ईपीएफ़ पर कितना ब्याज?
कर्मचारियों की ईपीएफ की रकम पर उन्हें ब्याज मिलता है. जिसका निर्धारण सरकार और केन्द्रीय न्यासी बोर्ड करता है. वर्तमान वर्ष में दी जाने वाली ब्याज दर 8.55% है.
क्या नॉमिनेशन की सुविधा है?
जी हाँ, आप अपने ईपीएफ के लिए भी नॉमिनेशन सुविधा ले सकते हैं. कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में नॉमिनी को पीएफ का सारा पैसा दिया जाता है. अपने ईपीएफ अकाउंट के लिए नॉमिनी को चेंज भी कर सकते हैं.
पेंशन भी मिलती है क्या?
पीएफ़ में एम्पलॉयर का योगदान 12 फ़ीसदी ही होता है, लेकिन इसका एक हिस्सा 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन स्कीम में चला जाता है. पेंशन 58 साल की उम्र के बाद ही मिलती है.
नौकरी के 10 साल (लगातार) पूरे करने अनिवार्य हैं.
न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये है, जबकि अधिकतम पेंशन 3250 रुपये प्रतिमाह है.
पेंशन ईपीएफ़ खाताधारक को आजीवन और उसके मरने के बाद आश्रित को दी जाती है.
एडवांस ले सकते हैं क्या?
नौकरी करते समय ईपीएफ का पैसा निकलने की इजाजत नहीं होती, लेकिन ऐसे कुछ खास मौके हैं जिनके लिए ईपीएफ की कुछ राशि निकाली जा सकती है, हालांकि इसके तहत भी आप पूरी राशि नहीं निकाल सकते.
अपने या परिवार (पति/पत्नी, बच्चे या डिपेंडेंट पेरेंट्स) के इलाज के लिए सैलरी की छह गुना रकम निकाल सकते हैं.
अपनी, बच्चों की, या भाई-बहन की शादी या एजुकेशन के लिए पूरी रकम का 50 प्रतिशत निकाल सकते हैं. नौकरी के दौरान अधिकतम तीन बार ऐसा कर सकते हैं.
होमलोन चुकाने के लिए सैलरी का 36 गुना तक रकम निकालने की इजाज़त है.
घर की मरम्मत के लिए सैलरी का 12 गुना तक रकम निकाल सकते हैं, लेकिन ये सुविधा सिर्फ़ एक बार मिलती है.
इसके अलावा प्लॉट या घर खरीदने के लिए भी अपने ईपीएफ़ अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं.
ईपीएफ में पैसा कटवाने से मना कर सकते हैं क्या?
आप चौंकेंगे तो सही, लेकिन इसका जवाब हाँ है. अगर आपकी सैलेरी 15000 रूपए प्रति माह से ज्यादा है तो आप पीएफ में निवेश करने से मना कर सकते हैं. इसके लिए आपको नौकरी शुरू करने से पहले पीएफ फंड से बाहर रहने का विकल्प चुनना होगा.
अगर आप ऐसा करते हैं तो इसके लिए आपको फॉर्म नंबर 11 भरना पड़ता है. लेकिन अगर आप एक बार ईपीएफ का हिस्सा बन जाते हैं, तो फिर आप इससे बाहर नहीं आ सकते.
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिहंस्थ: 2028 का व्यवस्थित और सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा, अत: इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सिंहस्थ के आयोजन में श्रद्धालुओं के आवागमन की दृष्टि से उज्जैन जनपद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इंडस्ट्रियल बेल्ट भी इसी क्षेत्र में विद्यमान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी यात्री बस सेवा का संचालन कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने संबंधित अन्य विभागों से यात्री परिवहन बस संचालन को लेकर राय ली। इसमें शहरी विकास विभागऔर विधि विभाग ने अपनी राय दे दी है। इसके तहत एक राज्य स्तर की कंपनी बनाई जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कृत संपल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान (GYAN) से ध्यान पर फोकस करते हुए 4 मिशन के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। जल्द ही प्रदेश में किसान कल्याण के लिये मिशन भी प्रारंभ होने वाला है। वर्तमान में किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ संचालित हो रही है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ नर्मदा जयंती की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा का आशीर्वाद ऐसे ही अनवरत बरसता रहे, यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों से जल और संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्पित होने का आव्हान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़े। राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस क्रम में कल 5 फरवरी को सभी पात्र निर्धारित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। युवा वर्ग अपनी प्रावीण्यता का लाभ ले और अपने साथियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनें, इस उद्देश्य से यह उपक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा न केवल उद्यमी बनें अपितु सब प्रकार से सक्षम भी बनें और अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल हों।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।