खेलों के लिए दीवानगी के कई क़िस्से कहे-सुने जाते रहे हैं पर कोलकाता के पन्नालाल चटर्जी का मामला ज़रा हटकर है.
वे साल 1982 से आयोजित तमाम फ़ुटबॉल विश्व कप के लिए दुनिया के कोने-कोने में जा चुके हैं.
"ये हमारा दसवां विश्वकप है. साल 2022 तक हमारी उम्र नब्बे के आसपास हो जाएगी. लगता है, क़तर में होने वाला अगला विश्व कप शायद हम न देख पाएं."
ये कहते हुए 85 साल के पन्नालाल चटर्जी कुछ भावुक हो जाते हैं.
आप सोच रहे होंगे कि पन्नालाल एक फ़ुटबॉल खिलाड़ी हैं.
लेकिन नहीं, वे किसी टीम के प्लेइंग इलेवन के सदस्य नहीं हैं. वे विश्वकप देखने जाते हैं.
कोलकाता में हुगली नदी के किनारे बसे खिदिरपुर इलाके की एक संकरी गली में रहने वाले चटर्जी दंपती में फ़ुटबॉल के प्रति जो जुनून है, उसकी दूसरी कोई मिसाल शायद ही मिले.
ब्राज़ील का कट्टर फ़ैन है चटर्जी परिवार
इस दंपती ने अपनी बढ़ती उम्र और आर्थिक दिक्कतों को कभी अपने इस जुनून के आड़े नहीं आने दिया. चटर्जी परिवार ब्राज़ील का कट्टर फ़ैन है.
घरेलू मैदान पर वे मोहनबागान को पसंद करते हैं. एक ज़माने में पन्नालाल खुद भी फ़ुटबॉल खेल चुके हैं.
इसी गुरुवार को दोपहर के समय बीबीसी से मुलाकात में पन्नालाल ने बताया कि बीते दो हफ़्तों से उनका जीवन काफी व्यस्त हो गया है. सुबह से देर रात तक मीडिया के लोग घेरे रहते हैं.
दूसरी मंज़िल पर स्थित बेडरूम की दो आलमारियां चटर्जी दंपती के बीते 36 सालों के सफ़र की यादगार तस्वीरें और विश्वकप की टिकटों से सजी हैं.
पेले के साथ खिंचवाई तस्वीर
इनमें एक तस्वीर महान फ़ुटबॉल खिलाड़ी पेले के साथ भी है जो उन्होंने साल 1994 में अमरीका विश्वकप के समय खिंचवाई थी.
पन्नालाल की पत्नी चैताली की उम्र 76 साल है.
वो बताती हैं, "साल 1986 में मेक्सिको विश्वकप के दौरान हम जिस होटल में रुके थे, उसके बगल में ही पेले का होटल भी था. अक्सर आते-जाते उनसे मुलाकात हो जाती थी."
"आठ साल बाद पेले जब अमरीका विश्वकप के दौरान मिले तो उन्होंने शायद मेरी साड़ी की वजह से हमें पहचान लिया. उसी समय हमने यह यादगार तस्वीर खिंचवाई थी."
दीवानगी की शुरुआत कैसे हुई?
लेकिन आख़िर उनमें विश्व कप फ़ुटबॉल के प्रति ये दीवानगी कैसे पैदा हुई?
इस सवाल का जवाब पन्नालाल देते हैं. उनके बचपन के एक मित्र ससेक्स में सफल कारोबारी थे.
उन्होंने पन्नालाल को पत्नी के साथ इंग्लैंड घूमने का न्योता दिया. उस दौरान स्पेन में विश्वकप (1982) चल रहा था.
दोनों दोस्तों ने वहां जाने का फ़ैसला किया.
चैताली बताती हैं, "अगर हम इंग्लैंड नहीं जाते तो स्पेन नहीं जाते और हमारे जीवन में यह निर्णायक मोड़ नहीं आता."
पन्नालाल के समक्ष आर्थिक दिक्कतें भी कम नहीं हैं. उनको महज साढ़े सात हज़ार रुपये महीने की पेंशन मिलती है.
इसके अलावा मकान का थोड़ा-बहुत किराया आ जाता है.
विश्व कप देखने का अपना सपना पूरा करने के लिए चटर्जी परिवार चार सालों तक तमाम खर्चों में कटौती करता रहता है.
अपनी बढ़ती उम्र के बावजूद चैताली घर का सारा कामधाम खुद करती हैं ताकि काम वाली बाई के पैसे बच सकें.
दोनों पति-पत्नी खान-पान में भी कटौती करते हैं.
फ़ुटबॉल के प्रति दीवानगी का आलम ये है कि यह लोग महीनों बिना मछली खाए रहते हैं और दुर्गापूजा के मौके पर भी नए कपड़े नहीं खरीदते.
रूस में तीन मैचों के ही टिकट मिले
अब की बार विश्व कप देखने के लिए चटर्जी परिवार का बजट लगभग पांच लाख रुपये का है.
लेकिन उनको तीन मैचों के ही टिकट मिल सके हैं.
पन्नाला कहते हैं, "हमने रूसी दूतावास और फ़ीफ़ा को भी पत्र लिख कर कुछ और मैचों के टिकट मुहैया कराने का अनुरोध किया है. लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला है."
टिकटें नहीं मिलीं तो पन्नालाल चटर्जी और चैताली चटर्जी 28 जून को लौट आएंगे.
चैताली ने अपनी फ़ाइल में विभिन्न देशों में आयोजित विश्व कप की टिकटें भी संभालकर रखी हैं.
चटर्जी परिवार के लिए ये किसी धरोहर से कम नहीं हैं.
माराडोना के 'हैंड ऑफ़ गॉड' के बने गवाह
इस लंबे सफ़र का अब तक का सबसे यादगार पल- इस सवाल पर पति-पत्नी एक साथ बोल पड़ते हैं, "साल 1986 के विश्व कप में डिएगो माराडोना का 'हैंड ऑफ़ गॉड' से किया गया गोल. अपनी आंखों से इसे देखने से बेहतर क्षण कोई और नहीं हो सकता."
पन्नालाल बताते हैं कि अब तक उन्होंने जितने विश्वकप देखे हैं, उनमें आयोजन स्थल के तौर पर मेक्सिको सबसे बेहतर लगा. बेहतर व्यवस्था, बेहतर लोग और सुंदर देश.
संयोग की बात ये है कि इसी साल 31 जुलाई को इस दंपती की शादी के 50 साल पूरे हो जाएंगे.
लेकिन उनके पास गोल्डन जुबली मनाने के लिए न तो पैसे हैं और ना ही इसकी फ़िक्र.
चैताली कहती हैं, "काश दो-एक और मैचों की टिकटें मिल जाएं. वही हमारे लिए सबसे बड़ा तोहफ़ा होगा."
भोपाल। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामखेलावन पटेल ने कहा है कि बाण सागर सामूहिक ग्रामीण जल-प्रदाय योजना से सतना जिले के अमरपाटन क्षेत्र के प्रत्येक गाँव में इस वर्ष जुलाई तक हर घर नल से जल पहुँचेगा। साथ ही इस वर्ष नवम्बर-दिसम्बर तक रामनगर क्षेत्र के खेतों में सिंचाई के लिये भरपूर जल उपलब्ध होगा। राज्य मंत्री श्री पटेल रविवार को 7 करोड़ 28 लाख रूपये लागत से बनने वाली 7 पक्की सड़क के भूमि-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
काठमांडू। नेपाल के पोखरा में रविवार को हुई विमान दुर्घटना में 72 यात्रियों में से अब तक 68 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं जिसमें पांच भारतीय भी शामिल थे। लेकिन अभी भी चार लोगों की बॉडी बरामद नहीं हो सकी है, जिसकी तलाश आज फिर से शुरू कर दी गई है। वहीं सेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि अभी तक उसे कोई जिंदा नहीं मिला है। वहीं इस बीच हवाई अड्डे के अधिकारी शेर बाथ ठाकुर के हवाले से बड़ी जानकारी दी है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है। आटा और चावल खरीदना जनता के लिए मुश्किल होता जा रहा है। आटे की किल्लत ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। देश में अनाज की कालाबाजारी बढ़ गई है। रोजमर्रा की चीजों को पाने के लिए संघर्ष हो रहा है।
एक दिन में तीन करोड़ 70 लाख कोरोना संक्रमित मिलने के बाद चीन सरकार ने आधिकारिक आंकड़ों को जारी करने पर रोक लगा दी है। अब चीन सरकार की तरफ से कोरोना संक्रमितों को लेकर रोजाना जारी की जाने वाली रिपोर्ट जारी नहीं की जाएगी। हालांकि, अभी भी अलग-अलग सोर्स से कई तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं। ये आंकड़े बेहद डराने वाले हैं। चीन की पत्रकार जेनिफर जेंग ने दावा किया है कि शनिवार को एक दिन के अंदर आठ हजार चीनी नागरिकों ने कोरोना संक्रमण के चलते दम तोड़ा। इसके पहले 21 दिसंबर को सबसे ज्यादा 10 हजार 700 लोगों की मौत हुई थी।
बीजिंग। कोरोना ने इस बार चीन में कोहराम मचा रखा है। फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक देश के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों का अनुमान है कि दिसंबर महीने के 20 दिनों में ही चीन में लगभग 250 मिलियन यानी 25 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हुए होंगे। ये चीन की आबादी का लगभग 20 फीसदी हिस्सा है। आपको बता दें कि अगर ये अनुमान सही है तो ये पूरी दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा कोविड-19 विस्फोट है।
पेरिस। फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुक्रवार को एक कुर्दिश सांस्कृतिक केंद्र को निशाना बनाकर गोलीबारी की गई। क्रिसमस के त्यौहार से सिर्फ कुछ घंटे पहले हुई इस घटना में 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 3 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गोलीबारी में घायल हुए 69 वर्षीय संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि संदिग्ध ने कुर्दिश सांस्कृतिक केंद्र को निशाना क्यों बनाया।
भूटान। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने कुख्यात सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है। 15 दिनों के भीतर उसे उसके देश डिपोर्ट कर दिया जाएगा। कोर्ट ने उसकी उम्र को देखते हुए ये फैसला सुनाया है। बता दें कि चार्ल्स शोभराज, दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या के मामले में 2003 से ही नेपाल की जेल में बंद है। साल 1976 से 1997 तक चार्ल्स शोभराज भारतीय जेल में भी सजा काट चुका है।
बीजिंग। जिस देश से कोरोना की शुरुआत हुई थी, और जिसने सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा किया था, आज उसी देश में लाखों लोगों के कोरोना की चपेट में आने की आशंका है। एक ताजा रिसर्च के मुताबिक चीन में कोरोना काफी तेजी से फैल रहा है और तीन महीनों के भीतर 10 लाख लोगों की मौत हो सकती है। वहीं इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मीट्रिक्स ऐंड इवेल्युएशन की रिसर्च के मुताबिक अप्रैल तक चीन में कोरोना संक्रमण से 3 लाख 22 हजार मौतें हो सकती है।
काबुल। अफगानिस्तान के परवान प्रांत के पास सलंग दर्रे में सुरंग में आग लग गई। इसमें उन्नीस लोगों की मौत की खबर है, जबकि 32 अन्य लोग घायल हो गए हैं। अफगान मीडिया ने रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
कुआलालम्पुर। मलेशिया में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में अबतक कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हैं। शिविर स्थल पर भूस्खलन के बाद अभी तक 53 लोगों को बचाया गया। हालांकि अभी भी दर्जनों लोग फंसे हुए हैं। अग्निशमन और बचाव विभाग ने एक बयान में कहा कि राजधानी कुआलालंपुर के बाहरी इलाके में सेलांगोर राज्य में भूस्खलन हुआ है। सुबह 3 बजे एक फार्महाउस के पास एक सड़क के किनारे भूस्खलन होने से यह हादसा हुआ।