भोपाल.चैत्र नवरात्र में संतश्री मोरारी बापू की नौ दिवसीय रामकथा का शुभारंभ मंगलवार की शाम को हुआ। लाल परेड ग्राउंड स्थित मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में पहले दिन बापू ने कहा- ‘मेरे लिए प्रत्येक कथा एक प्रयोग है। मैं इसे प्रेम यज्ञ कहता हूं। मैं मानस के माध्यम से एक प्रयोग कर रहा हूं। जो परिवार इसके निमित्त बनते हैं मानस में उन्हें उपकारी कहा गया है।’ पहले दिन मानस के आधार पर विष्णु की मंत्रमुग्ध कर देने वाली व्याख्या की, जिसमें उन्होंने जटिल जीवन के सरल सूत्र प्रस्तुत किए। पहला दिन पांच सूत्र...
1. जीवन में एक गुरु तो चाहिए, जो आपका दीप प्रज्ज्वलित करके अलग हो जाए। आत्मज्योति के लिए एक मार्गदर्शक, जो मुक्ति में सहायक हो।
2. धन कमाने की मनाही नहीं है। दोनों हाथों से कमाओ। मगर उसे चार हाथ से बांटो भी। विष्णु के चार हाथ इसी संदेश के प्रतीक हैं।
3. किसी को देखने मात्र से कोई नतीजा न निकालो कि यह काला है, गोरा है, भला है, बुरा है। वह वैसा ही है, जैसी उसकी श्रद्धा।
4. लंबी जिंदगी जीकर भी हम पूज्य नहीं हो पाते। मरने के तुरंत बाद बन जाते हैं। जो मृत्यु को, जहर को स्वीकार ले वही पूज्य। इसीलिए शंकर और जीसस पूज्य हैं।
5. हिंदू परंपरा में धर्म की व्याख्या में आकाश से तुलना की गई है। जिसकी दृष्टि संकीर्ण न हो, विशाल हो। जो सबको समाहित करे, वही सच्चा धर्म।
मातृवंदना से आरंभ होता है तुलसी का शास्त्र
तुलसी को नारी-निंदक मानने वाले ध्यान दें कि तुलसी का शास्त्र मातृवंदना से आरंभ होता है। सरस्वती की वंदना पहले है, गणेश की बाद में। शंकर से पहले भवानी की स्तुति है। राम के पहले सीता का गुणगान है। मैं इस कथा के लिए विष्णु काे लूंंगा, जिनके 24 अवतार माने गए। ब्रह्मा युगों में कभी-कभी किसी रूप में आए। शिव की अवतार परंपरा नहीं है। विष्णु माने व्यापक। कोई दीवार नहीं। कोई संकीर्णता नहीं।
विष्णु की प्रसिद्ध प्रार्थना में इन लक्षणों की चर्चा है- शांताकारम्, भुजगशयनम, पद्मनाभम्, सुरेशम्, विश्वाधारम्, गगनसदृश्यम्, मेघवर्णम्, शुभांगम्...। जगत में जिसमें ये 10 लक्षण दिखें, वह कोई भी हो, किसी भी धर्म और क्षेत्र का हो, उसे विष्णु के भाव से ही स्वीकार करना चाहिए। जो सर्प की शय्या पर भी शांत हो, जो हर पल को प्रसन्नता से व्यतीत करे, जो जीवंत हो, जो दिव्यता का शिरोमणि हो, जो आकाश की तरह व्यापक हो, जो मेघ के वर्ण का हो, जो लक्ष्मी का दास नहीं स्वामी हो...ऐसे विष्णु हमारे भय का निर्मूलन कर देते हैं। वे समस्त लोक के नाथ हैं। 14 ब्रह्मांडों के अधिपति हैं। जो शांत हो। उग्र और व्यग्र न हो।
इस जगत की अशांति में अगर कोई शांत बना रहे तो समझो विष्णु का एक अंश उसने जाग्रत कर लिया। गांधी ने कहा कि जो रामायण, महाभारत को नहीं जानता, उसे हिंदुस्तानी कहने का अधिकार नहीं। मेरी कथा धर्मशाला नहीं, प्रयोगशाला है। यह प्रयोग है, नारेबाजी नहीं। यह साधना शिविर है। यहां दायरों में बंधे किसी मजहब की नहीं, आकाश की चर्चा है, जिसमें सब समा जाते हैं।
प्रवेश सबके लिए, कवि सम्मेलन आज शाम
- 29 मार्च से रामकथा सुबह 9.30 बजे शुरू होगी। आमंत्रण पत्र जरूरी नहीं है। प्रवेश सबके लिए खुला है।
- पर्याप्त बैठक व्यवस्था है। बापू की कथा में समय का अनुशासन है। वे ठीक समय पर कथा आरंभ करते हैं।
- शाम 6.30 बजे कवि सम्मेलन। अंजुम रहबर, अनु सपन, जगदीश सोलंकी, प्रवीण शुक्ल, संपत सरल प्रस्तुति देंगे। पौने छह बजे तक श्रोता स्थान ग्रहण करें।
भोपाल। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि सिल्क टूरिज्म के विकास से रेशम का व्यापक प्रचार प्रसार होगा और लोग रेशम का उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे। रेशम को बढ़ावा देकर आम लोगों में रेशम के वस्त्रों के प्रति रुझान बढ़ाया जाएगा। पर्यटन स्थलों पर आने वाले टूरिस्ट को भी रेशम वस्त्र की जानकारी दी जाएगी। उन्हें रेशम के वस्त्र खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन का "विशेष उपहार" दिए जाने पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश की जनता की ओर से उनके प्रति हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हुए उनका अभिनंदन किया है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किया जा रहे प्रयासों को मजबूती मिलेगी और महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त होंगी।
भोपाल। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) में 6 हजार 36 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्य आने वाले समय में किए जाएंगे। इससे विद्युत वितरण व्यवस्था की तस्वीर बदल जाएगी। जहॉं एक ओर उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति मिलेगी वहीं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी। ब्रेकडाउन कम होंगे और प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को सीधे फायदा मिलेगा।
भोपाल। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी का वर्ष 2023-24 का बजट मंगलवार को संचालक मंडल की बैठक में प्रस्तुत किया गया। आगामी वित्तीय वर्ष के कुल 18 हजार 551 करोड़ रूपये के बजट की मंजूरी दी गई है।
भोपाल। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर ‘नानो’ कावरे ने कहा है कि संत रविदास जयंती 5 फरवरी से शुरू होने वाली विकास यात्रा का उद्देश्य जन-कल्याण, स्वराज के लक्ष्य को प्राप्त करना है। साथ ही विकास यात्रा के माध्यम से सरकारी योजना से छूटे हितग्राहियों को लाभान्वित करना भी है। उन्होंने अधिकारियों से अपने विभाग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी अपडेट करने के लिये भी कहा। राज्य मंत्री एवं उमरिया जिले के प्रभारी मंत्री कावरे आज जिला अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के ग्राम जैत में नर्मदा नदी के किनारे 4 करोड़ 88 लाख रूपये की लागत से बन रहे नर्मदा घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने घाट पर चल रहे निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इन्दौर में 29 अक्टूबर को होने जा रहे प्रदेश के 73 सीएम राइज स्कूलों के भूमि-पूजन कार्यक्रम का आयोजन बेहतर रूप में हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर आयोजन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी सहित अधिकारी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश की सभी पंचायतों में यह कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय पर कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
भोपाल। दमोह जिले के दमोह देहात थाना के ग्राम देवरान में मंगलवार की सुबह गोली चलने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु होने की खबर मिलते ही जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई कर मुख्य आरोपी जगदीश पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की बारीकी से जाँच की जा रही है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
भोपाल। आयुर्वेद हमारे देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है वर्तमान समय में इसे और लोकप्रिय बनाने की जरूरत है। आयुर्वेद ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें मानव शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। आयुर्वेद में उपयोग होने वाली दवाएँ हमारे आस-पास ही मौजूद होती हैं। आयुर्वेद और योग को अपना कर हम अपने जीवन को स्वस्थ एवं सुखी बना सकते हैं।