अभी दो हफ्ते पहले उत्तर प्रदेश के जो चुनावी नतीजे आये हैं, वो अपने आप में ऐतिहासिक हैं और इसमें किसी तरह का कोई शक भी नहीं है.
लेकिन ऐतिहासिक इसलिए नहीं हैं कि बीजेपी ने बड़ा बहुमत प्राप्त किया है. ऐतिहासिक इसलिए भी नहीं कि देश में पहली बार किसी प्रदेश का चुनाव 40 प्रतिशत वोट-शेयर से जीता गया है, शायद इसलिए भी नहीं कि बीएसपी और एसपी के गढ़ में दिन-दहाड़े सेंध लग गयी.
ये चुनाव इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि इसमें मुसलमान हार गया है. कम से कम मुसलमान यही सोच रहा है अगर गलती से नहीं भी सोच रहा है तो उसे ऐसा सोचने को मजबूर किया जा रहा है. बात चाहे कहीं से शुरू कीजिये खत्म इस बात पर होती है कि, 'और मुसलमान हार गया.'
रविवार की शाम, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में, हुस्नारा ट्रस्ट की जानिब से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका नाम था, 'सदा-ए-ज़िन्दगी'. ये जश्न शिया सम्प्रदाय के चौथे इमाम (इमाम हुसैन के बेटे) की पैदाइश के चौदह सौ साल पूरे होने पर किया गया था.
यहां दूसरे लोग भी जरूर होंगे लेकिन सभागार शिया मुसलमानों से भरा था. इनमें कई धर्मगुरू, पूर्व मंत्री और गवर्नर सिब्ते रज़ी, सईद नक़वी और आरिफ मोहम्मद खान जैसी शख्सियतें मंच पर बैठी थीं.
पर्यावरण और सियासी माहौल
जश्न को वर्तमान से जोड़ने के लिए इसे ‘चौथे-इमाम’ के पर्यावरण संबंधी विचारों से जोड़ा गया था. कार्यक्रम की शुरुआत में इसी से जुडी बातें होती रहीं.
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लेकिन, जब बारी सईद नक़वी की आई तो उन्होंने 'मैं अ-धार्मिक नहीं हूं, लेकिन धार्मिक भी नहीं हूं' के साथ अपना संबोधन शुरू किया और देखते ही देखते 'बदलता हुआ पर्यावरण और ज़िन्दगी' को 'बदलता हुआ सियासी माहौल और मुसलमान' में तब्दील कर दिया.
नक़वी ने कहा, 'इन चुनावों में मीडिया और मुसलमान ने मिलकर पूरा माहौल साम्प्रदायिक बना दिया. बीजेपी को इसके लिए दोष नहीं दिया जा सकता. उसने तो बहुत बाद में चौथे चरण के आस-पास शमशान-कब्रिस्तान जैसे जुमले गढ़े लेकिन मीडिया ने शुरू से ही पूरा माहौल मुसलमान-केन्द्रित बना दिया जिसके नतीजे में ध्रुवीकरण हुआ और बीजेपी को इतना बड़ा मैन्डैट मिला.'
नक़वी ने आगे कहा, 'अब साल 2022 में जिस नए भारत का उदय होनेवाला है, उसमें मुसलमान की हिस्सेदारी अगर सवालों के घेरे में होगी तो इसका जिम्मेदार खुद मुसलमान है और उसे इस हाल तक पहुंचाने की सारी जिम्मेदारी कॉंग्रेस पार्टी पर है.'
वे आगे कहते हैं, 'मीडिया ने आपका मजाक बनाकर रख दिया है लेकिन खुद आपके पास अपना मीडिया नहीं है जहां आप अपनी बात रख सकें. अपने खिलाफ हो रहे हमलों का जवाब दे सकें. आजादी के इतने साल बाद भी आप एक ऐसा प्लेटफार्म नहीं बना सके हैं.'
आरिफ मोहम्मद खां ने भी मुसलामानों की सोच को आड़े हाथों लिया. अपने भाषण में उन्होंने कहा, 'मुसलामानों को फतवा देने का मर्ज है. देवबंदी की नजर में 'बरेलवी' काफिर है, बरेलवी के यहां 'देवबंदी' काफिर है और दोनों मिलकर कहते हैं, 'अहले-हदीस' काफिर है.
तीनों मिलकर 'शिया' को काफिर कहते हैं और चारों मिलकर कहते हैं कि हिंदू काफिर है. मैं पूछता हूं, भई मुझे किसने हक दिया दूसरे के ईमान का फैसला करने का....?
'शायद हम इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि इस्लाम की तारीख में पहला कुफ्र का फतवा उस पर लगाया गया जिसने नबी की गोद में तरबियत पायी जो चलता फिरता इस्लाम था. पहला फतवा कुफ्र का हज़रत अली के ऊपर लगा. इस्लाम को मजाक बना दिया है हमने.'
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आरिफ मोहम्मद खां ने आगे कहा, 'सईद भाई जो बोले वो बड़ी हद तक सही था. लेकिन सईद भाई आप देर में बोल रहे हैं. काश कि 1986 में आपलोग खड़े हो गए होते तो जिस चीज का रोना आज रो रहे हैं वो चीज शायद न होती.
'
आरिफ आगे कहते हैं, 'काश हमने मौलाना आज़ाद को आजादी के बाद जलील करने के बजाय उन्हें सुना होता यहीं दिल्ली में, जामा-मस्जिद की तकरीर में उन्होंने कहा था कि हिन्दुस्तान बदल चुका है अब यहां मुस्लिम लीग के लिए कोई जगह नहीं है.'
आरिफ पूछते हैं, 'क्या मौलाना आज़ाद मुस्लिम-लीग तंजीम (संगठन) की बात कर रहे थे? या उस फिरकेवाराना जेहन की बात कर रहे थे...उस अलगाववाद की बात कर रहे थे, जिसके अनुसार एक बेचारी विधवा औरत को (शाहबानो केस) ढाई सौ...सिर्फ ढाई सौ रूपये देने से हमारा धार्मिक संतुलन बिगड़ने का खतरा पैदा हो जाता है.'
'सदा ए ज़िंदगी' कार्यक्रम में अपनी राय रखते हुए आरिफ़ मोहम्मद ख़ां
आइये...सईद और आरिफ की इबारत को और साफ करने के लिए एमजे अकबर की मदद लेते हैं. एमजे अकबर, ताया जिन्किन की किताब 'रिपोर्टिंग इंडिया' का हवाला देते हुए लिखते हैं कि...जवाहर लाल नेहरू, हिन्दुस्तान के लिए अपना सबसे बड़ा योगदान, ‘हिन्दू कोड बिल’ को कानून के रूप में स्थापित करना मानते थे.
नेहरू का कहना था कि, 'इस बिल को लाने के लिए उन्होंने अपने चरम धैर्य और बेजोड़ सूझ-बूझ का परिचय दिया. लेकिन, उन्हें इस बात का अफसोस भी था कि वे नाज़ुक सियासी हालात की वजह से यही कदम, मुस्लिम महिलाओं के हक में नहीं उठा सके थे.'
एमजे अकबर आगे कहते हैं कि...नेहरू के पोते, राजीव गांधी के प्रधानमंत्री-काल के शुरूआती दिनों में इतिहास ने कांग्रेस को एक बार फिर मौका दिया. ये मौका भी संयोगवश लगा था. आभार, सुप्रीम-कोर्ट के उस आदेश का जिसे 'शाह-बानो-केस' के नाम से जाना जाता है.
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अकबर के अनुसार, 'सच्चाई ये है कि राजीव गांधी ने इस मौके का लाभ उठाने की असाधारण कोशिश की. अपनी कैबिनेट के एक मंत्री आरिफ़ मोहम्मद ख़ान को बदलाव के इस आवेग का नेतृत्व करने के लिए चुना भी. लेकिन, जब रूढ़िवादी प्रतिरोध चिंघाड़ में बदलने लगा और उनकी पार्टी के बुद्धिजीवियों ने ही उसे वापिस लेने की वकालत की तो राजीव गांधी ने समाज-सुधार के बदले राजनितिक-सुरक्षा को चुना.'
बस यही वो पल होते हैं जब कोई व्यक्ति नेता से राजनेता बनता है. राजीव गांधी छद्म-राजनीति के शिकार हो गए.
आज, एक बार फिर अवसर सामने है. नरेंद्र मोदी के लिए भी और मुस्लिम समुदाय के लिए भी. आज मुसलमानों को अपनी ये गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए कि मुल्क की सियासत उनके वोटों की तलबगार है. वो भी देश की सवा सौ करोड़ जनता का हिस्सा हैं और उन्हें भी देश की सियासत योग्यता के आधार पर ही परखेगी.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इतिहास रचने के करीब खड़े हैं. इसके लिए बस इतना ही काफी है कि जो उन्होंने कहा है, वे बस उसे कर दिखाएं.
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिहंस्थ: 2028 का व्यवस्थित और सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा, अत: इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सिंहस्थ के आयोजन में श्रद्धालुओं के आवागमन की दृष्टि से उज्जैन जनपद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इंडस्ट्रियल बेल्ट भी इसी क्षेत्र में विद्यमान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी यात्री बस सेवा का संचालन कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने संबंधित अन्य विभागों से यात्री परिवहन बस संचालन को लेकर राय ली। इसमें शहरी विकास विभागऔर विधि विभाग ने अपनी राय दे दी है। इसके तहत एक राज्य स्तर की कंपनी बनाई जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कृत संपल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान (GYAN) से ध्यान पर फोकस करते हुए 4 मिशन के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। जल्द ही प्रदेश में किसान कल्याण के लिये मिशन भी प्रारंभ होने वाला है। वर्तमान में किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ संचालित हो रही है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ नर्मदा जयंती की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा का आशीर्वाद ऐसे ही अनवरत बरसता रहे, यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों से जल और संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्पित होने का आव्हान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़े। राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस क्रम में कल 5 फरवरी को सभी पात्र निर्धारित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। युवा वर्ग अपनी प्रावीण्यता का लाभ ले और अपने साथियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनें, इस उद्देश्य से यह उपक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा न केवल उद्यमी बनें अपितु सब प्रकार से सक्षम भी बनें और अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल हों।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।